रतिया: अग्रवाल वैश्य समाज के पदाधिकारियों ने फैसला किया है कि वह भविष्य में शादियों में निमंत्रण पत्र नहीं छपवाएंगे केवल डिजिटल निमंत्रण पत्र भेजे जाएंगे या फिर फोन पर मेहमानों को आमंत्रण भेजा जाएगा। यह फैसला पानीपत में आयोजित अग्रवाल वैश्य समाज के प्रदेश अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला की अध्यक्षता में हुई प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में सर्वसम्मति से किया गया। यह जानकारी जिला अध्यक्ष राजेंद्र मित्तल ने आयोजित बैठक में भाग लेने के बाद आज यहां पत्रकारों को दी। मित्तल ने बताया कि बैठक में विवाहों को लेकर रखे गए प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा करने के बाद यह भी फैसला हुआ कि विवाह शादियों में खाने के मेन्यू को छोटे से छोटा रखा जाएगा। फैसला किया गया कि भविष्य में जो भी शादी होगी, उसमें पंडित द्वारा निकाले गए मुहूर्त पर विवाह की रस्म पूरी की जाएगी। उसमें किसी भी प्रकार की देरी नहीं की जाएगी। साथ ही अहम निर्णय ये हुआ कि विवाह से पूर्व प्री वेडिंग सूट के नाम किया जा रहा कृत्य पर बंदिश लगाई जाएगी। इस बैठक में जिला फतेहाबाद से जिला अध्यक्ष राजेंद्र मित्तल के अलावा महिला प्रदेश अध्यक्ष सुशीला सर्राफ, युवा जिला अध्यक्ष मोहित गर्ग, महिला जिला अध्यक्ष दीपिका बंसल, फतेहाबाद अध्यक्ष राजीव जैन, रतिया महासचिव विपिन गोयल, रतिया उप प्रधान मक्खन लाल सिंगला, सदस्य उज्जवल कंसल, पवन सर्राफ ने भी भाग लिया। प्रदेश स्तरीय बैठक में जिला अध्यक्ष राजेंद्र मित्तल ने पिछले वर्ष जिले में किए गए समाजसेवा के कार्यों की विस्तार से जानकारी दी ओर जिला के सभी सदस्यों ने मुख्य अतिथि भाजपा की प्रदेश महामंत्री डॉक्टर अर्चना गुप्ता को महाराजा अग्रसैन जी की फोटो देकर सम्मानित भी किया। जिला अध्यक्ष राजेंद्र मित्तल ने बताया कि बैठक में प्रदेश में हो रहे नगर निकाय चुनावों को लेकर फैसला किया गया कि जहां पर वैश्य समाज का उम्मीदवार मैदान में है पूरा समाज एकजुट होकर उसकी मदद करेगा और जहां पर समाज का उम्मीदवार नहीं है वहां पर समाज एकजुट होकर अपने वोट की ताकत दिखाएगा। प्रदेश में वैश्य समाज के विधायकों की घटती संख्या पर चिंता जाहिर करते हुए अगले चुनाव तक हर विधानसभा में बैठकें आयोजित करने का फैसला किया गया, ताकि हरियाणा विधानसभा में समाज की उपस्थिति को बढ़ाने का काम किया जा सके। इससे पहले प्रदेश भाजपा की महासचिव अर्चना गुप्ता ने प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक का उद्घाटन करने के बाद वैश्य समाज का आह्वान किया कि वह महिलाओं को राजनीति में आगे बढऩे का काम करे। उन्होंने कहा कि राजनीति में घटती संख्या को बढ़ाने के प्रयासों में मतदान में कमी सबसे बड़ी बाधा है।
उन्होंने कहा कि वैश्य समाज के प्रमुख लोगों को चाहिए कि आश्रित लोगों को भी समाज के वोट बैंक के रूप में स्वीकार करें। उन्होंने कहा कि हमें राजनीति में अपने पतन के कारणों को तलाश कर उन्हें दूर करने की दिशा में कदम उठाने चाहिएं। वैश्य समाज के लोगों को राय दी कि वह ऐसी सीटों पर चुनाव लड़ें जहां चुनाव जीतने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि वैश्य समाज के लोग चुनाव जीतने के लिए ही मैदान में उतरें। अर्चना गुप्ता ने कहा कि हमें खुद को अल्पसंख्यक मानने की भूल कभी नहीं करनी चाहिए। जब तक हम लोग अपने आप को बहुसंख्यक के रूप में साबित कर के राजनीति में अपनी भागीदारी को बढ़ाना है उन्होंने कहा कि राजनीति में आगे बढऩे और समाज को आगे बढ़ाने के लिए हमें स्वयं से वयम की ओर बढऩा होगा। उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं है कि समाज आपका ही समर्थन करें जरूरी यह है कि समाज जिसका भी समर्थन करे सब उसके साथ खड़े हों।
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विधानसभा में स्थिति चिंताजनक, इस पर चिंतन कर आगे बढऩे की जरूरत: अशोक बुवानीवाला
इस अवसर पर अग्रवाल वैश्य समाज के प्रदेश अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला ने कहा कि किसी समय में हरियाणा में 18 विधायक समाज के होते थे और आज उनकी संख्या तीन पर आकर अटक गई है। उन्होंने साफ कहा कि आज के इस दौर में बिना राजनीति में भागीदारी के कोई काम नहीं हो सकता। स्थिति यह है कि व्यापार हो या नौकरी हर जगह राजनीतिक हस्तक्षेप जरूरी हो गया है। समाज के लोगों को सक्रिय राजनीति में अपनी भागीदारी को बढ़ाने के लिए काम करना होगा। उन्होंने कहा कि आज राजनीतिक दल अग्रवाल समाज को प्रभावी वोट बैंक के रूप में इसलिए स्वीकार नहीं करते क्योंकि हम लोग एकजुट होकर मतदान नहीं करते। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने विधानसभा चुनाव से पहले 16 सीटों पर टिकट मांगी थी लेकिन किसी भी पार्टी ने हमारी मांग की तरफ ध्यान नहीं दिया। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी स्थिति अच्छी हो सकती थी, अगर समाज के लोग एकजुट होकर वोट करते। अशोक बुवानीवाला ने कहा कि हम लोगों को 2029 के विधानसभा चुनाव की तैयारी अभी से करनी होगी। उससे पहले परिसीमन भी होना है इस बात को भी ध्यान रखना होगा। अगर हम लोग अपनी तैयारी को अभी से अंतिम रूप देना शुरू करेंगे तो दुनिया की कोई ताकत नहीं है जो हमें राजनीति में आगे बढऩे से रोक सके। उन्होंने कहा कि अधिकार मांगने से नहीं मिलते बल्कि लडक़र लेने पड़ते हैं। अगर समाज के लोगों की टिकट आबंटन में अनदेखी होती है तो समाज के लोगों को ऐसी पार्टी को सबक सिखाने के लिए भी तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज हम हरियाणा विधानसभा में केवल तीन सदस्यों पर सिमट गए हैं यह चिंताजनक है लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि हम लोग निराश होकर बैठ जाए बल्कि हमें चिंतन करना चाहिए और इस बात का संकल्प करना चाहिए कि 2019 में बनने वाले विधानसभा में हम इस स्थिति में हो कि हमारी वोट के बिना मुख्यमंत्री भी न बन सके