फतेहाबाद/टोहाना, 30 जुलाई। राज्यसभा सांसद सुभाष बराला ने संसद टीवी पर एक परिचर्चा के दौरान एक महत्वपूर्ण चर्चा में भाग लेते हुए देशहित से जुड़े दो अहम मुद्दों ऑपरेशन सिंदूर और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अनियंत्रित सामग्री के नियंत्रण पर केंद्र सरकार के रुख की खुलकर सराहना की। उन्होंने कहा कि आज का भारत न केवल एक मज़बूत लोकतंत्र है, बल्कि आतंकवाद और सांस्कृतिक प्रदूषण जैसे विषयों पर भी पूरी तरह सजग और सक्रिय है।
आतंकवाद पर निर्णायक रुख, मोदी सरकार की स्पष्ट नीति
सांसद सुभाष बराला ने पुलवामा और पहलगाम में हुई हालिया आतंकी घटनाओं को कायराना हमला करार देते हुए कहा कि आतंकवाद भारत के लिए कोई नई चुनौती नहीं है। परंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अब आतंकियों को पहले की तरह अनदेखा नहीं करता, बल्कि मुंहतोड़ जवाब देता है। उन्होंने कहा कि मोदी जी की नीति स्पष्ट है पहले छेड़ेंगे नहीं, लेकिन बाद में छोड़ेंगे नहीं।
उन्होंने कहा कि एनडीए की सरकार पिछले 11 वर्षों से देश की सुरक्षा के लिए दृढ़ नीतियों पर काम कर रही है और पूरी दुनिया ने देखा है कि भारत ने आतंकी घटनाओं को अंजाम देने वालों के साथ क्या सख्त रवैया अपनाया है। अटल बिहारी वाजपेयी के समय से ही भारतीय जनता पार्टी की नीति रही है कि आतंकवाद किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सांसद बराला ने यह भी कहा कि आतंकियों को शरण और संरक्षण देने वाले देशों, विशेष रूप से पाकिस्तान, को भारत ने कूटनीतिक स्तर पर पूरी दुनिया के सामने बेनकाब किया है।
ऑपरेशन सिंदूर बना सेना के समन्वय का प्रतीक
सांसद सुभाष बराला ने पहलगाम हमले के बाद चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर को तीनों सेनाओं के तालमेल और साहस का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन में पाकिस्तान की सरजमीं पर मौजूद आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया, जिससे स्पष्ट होता है कि भारत अब हर हमले का जवाब उसी भाषा में देने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि हम शहीदों को तो वापिस नहीं ला सकते, लेकिन उनके परिवारों को यह विश्वास ज़रूर दे सकते हैं कि देश उनके साथ खड़ा है और उनके बलिदान व्यर्थ नहीं जाएंगे।
जम्मू-कश्मीर में विकास की रफ्तार बनी आतंकियों की आंखों की किरकिरी
धारा 370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में हुए बदलावों का ज़िक्र करते हुए सांसद ने कहा कि राज्य अब विकास की राह पर अग्रसर है, जिससे पड़ोसी देश पाकिस्तान असहज हो उठा है। भारत में फैली समृद्धि और स्थिरता उसे रास नहीं आ रही, इसलिए वह आए दिन आतंकी घटनाओं के ज़रिए अशांति फैलाने का प्रयास करता है। परंतु भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाइयाँ इस मानसिकता को मुँहतोड़ जवाब दे रही हैं।
ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर अनियंत्रित अश्लील सामग्री पर कड़ा रुख ज़रूरी
वर्तमान सामाजिक परिप्रेक्ष्य में सांसद बराला ने ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित की जा रही अनियंत्रित, अश्लील और युवाओं को भ्रमित करने वाली सामग्री पर चिंता प्रकट की। उन्होंने कहा कि यह सामग्री भारतीय संस्कृति और सामाजिक मूल्यों के विरुद्ध है। पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण हमारी मूलभूत परंपराओं को नुक़सान पहुँचा रहा है। भारत की अपनी एक गौरवशाली सांस्कृतिक पहचान है, जिसे बचाए रखना आज की ज़रूरत है।
उन्होंने कहा कि तक्षशिला और नालंदा जैसे संस्थानों ने ज्ञान और सभ्यता की दिशा तय की थी, जबकि आज की कुछ ओटीटी सामग्री युवाओं को भ्रमित करने और नैतिक मूल्यों से दूर करने का काम कर रही है। उन्होंने ऐसे मंचों पर नियंत्रण को आवश्यक बताया और सुझाव दिया कि ऐसे प्लेटफॉर्म्स पर सामाजिक जागरूकता बढ़ाने वाले कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।