फतेहाबाद। फतेहाबाद श्री गीता भवन मॉडल टाऊन में आयोजित शिव महापुराण की कथा का शुभारंभ करते हुए पूज्य गुरूदेव डॉ.स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने कहा कि पुराण कथाएं केवल नाचना गाना नहीं, सदाचारी जीवन बनाने की कला है। हमें अज्ञानी होकर नहीं जीना। चाहे कर्मकांड करें या भक्ति। अधेंरा जहां भी रहेगा, ठोकरों का ही कारण बनेगा। क्या मंदिर या गुरू जी के पास भी रह रहे हों किंतु यदि लाइट चली जाए तो क्या ठोकर नहीं लगेगी? अज्ञानी बने रहे तो भटकाव रहेगा ही। कथा प्रवचनों में भी भक्ति की बातें बहुत कम और भ्रमित करने वाली बातें अधिक होंगी। ये पुराण विशेष रूप से शिवपुराण मन की शुदिध के लिए है, वहमबाजी का कचरा भरने के लिए नहीं। शिव का अर्थ कल्याण होता है, इसीलिए शिव की कथा कल्याणकारी होती है। ऐसी कथाएं केवल अयोजन या फंक्शन मत बनाओ। इनमें मनोरंजन मत ढूंढो। कथा सुनकर जीवन बदलो यहां से कुछ लेकर ही जाओ। प्रभु ने हमें मानव जीवन दिया है। आसुरी- पशु भाव का परित्याग करो। मानवता के गुणों के धारण करो। आज इस अवसर पर मधु जैन, इशान (रोहतक) द्वारा गीतेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक हुआ। इस अवसर पर प्रधान राजीव बतरा, सुभाष बतरा, राजीव चौधरी, संजीव बतरा, नरेश सरदाना, नरेंद्र बेनीवाल, सागर जताना, बसंत लाल मुंजाल ने पूजा कर आशीर्वाद लिया।