फतेहाबाद: शहर में बंदरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा। ताज़ा मामला जगजीवनपुरा क्षेत्र का है, जहां एम.एम. कॉलेज के पूर्व प्राध्यापक एल.आर. भयाना को एक खूंखार बंदर ने हमला कर बुरी तरह जख्मी कर दिया। यह घटना तब हुई जब भयाना साहब रोज़ाना की तरह अपने घर से बाहर निकलने के लिए लॉबी का दरवाज़ा खोल रहे थे। जैसे ही उन्होंने जाली वाला दरवाज़ा खोला, घात लगाए बैठे बंदर ने अचानक हमला कर दिया और हाथ पर गहरी काट खाई, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। हमले के दौरान वह ज़मीन पर गिर पड़े और कमर में भी चोट लग गई। पार्षद मोहन लाल ने बताया कि जगजीवनपुरा के अलावा चौधरी कॉलोनी, बीमा कॉलोनी, सूर्य एनक्लेव, सुंदर नगर और योग नगर में तीन विशेष रूप से आक्रामक ब ंदरों ने लोगों का जीना दूभर कर रखा है। उन्होंने बताया कि ये बंदर अब तक सुभाष रहेजा, जगदीश मेहता, सुदेश कौर समेत दर्जनों लोगों को निशाना बना चुके हैं और सभी का इलाज़ चल रहा है। पार्षद मनोज भ्याना, सुखदेव सिंह, राधा कुलरिया, पार्षद प्रतिनिधि राजेंद्र आहूजा, योगी हंस राज और निर्मल सिवाच ने नगर परिषद प्रशासन की लापरवाही पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि बार-बार मांगों और शिकायतों के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने स्पष्ट कहा कि समस्या अब सिर्फ असुविधा नहीं बल्कि जानलेवा खतरा बन चुकी है। यह विडंबना ही है कि जहां एक ओर नागरिकों की सुरक्षा के लिए नगर परिषद जिम्मेदार है, वहीं दूसरी ओर बंदरों की मनमानी पर कोई अंकुश नहीं है। क्या प्रशासन को किसी बड़े हादसे क ा इंतज़ार है। क्या तब जागेगी नगर परिषद, जब किसी मासूम या बुजुर्ग की जान जाएगी।