फतेहाबाद। मानवाधिकार और जनतंत्र की धज्जियां उड़ाते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा ईरान पर हमला करना उसकी बौखलाहट बोखलाहट का परिणाम है। यह बात माकपा नेता सुरेन्द्र मलिक ने शहीद ऊधम सिंह भवन, फतेहाबाद में माकपा द्वारा आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता रामकुमार बहबलपुरिया ने की तथा संचालन माकपा जिला सचिव जगतार सिंह ने किया। सेमिनार को संबोधित करते हुए सुरेन्द्र मलिक ने कहा कि पिछले 21 महीने से इजरायल फिलिस्तीन पर लगातार हमले कर रहा है और अभी एक सप्ताह से इजरायल ने ईरान पर हमला कर दिया है। इजरायली सरकार को अमेरिका का पूर्ण रूप से समर्थन हासिल है इसलिए इजरायली राष्ट्रपति गुंडों की भाषा बोल रहा है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में अमेरिका को दुनिया भर में अपना दबदबा खिसकता हुआ दिखाई दे रहा है इसलिए अमेरिका अपने दबदबे को बनाए रखने के लिए दुनिया को युद्ध में धकेल रहा है। उन्होंने कहा कि सबसे चिंताजनक बात ये है कि भारत की मौजूदा सरकार अमेरिका की पिछलग्गू बनी हुई है। सुरेन्द्र मलिक ने कहा कि पहलगाम की आतंकवादी घटनाक्रम में हुई चूक की जबावदेही करने की बजाय मोदी सरकार देश में साम्प्रदायिकता का जहर घोल रही है। सेमिनार में प्रस्ताव पारित करके अमेरिका सरकार की कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए युद्ध खत्म करने की मांग की गई। यह मांग करते हुए कहा कि भारत की मोदी सरकार भी अमेरिका सरकार की कड़े शब्दों में निन्दा करें। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को तुरंत अमेरिका व इजरायल समर्थक अपनी विदेश नीति के रुख को त्यागना चाहिए और युद्ध को रोकने के लिए वैश्विक प्रयासों में शामिल होना चाहिए। माकपा नेताओं ने कहा कि पूरी संभावना है कि अमेरिकी हमला संघर्ष को बहुत बढ़ा देगा जिसके वैश्विक शांति और आम लोगों की आजीविका के लिए विनाशकारी नतीजे होंगे। विशेष रूप से भारत जैसे देशों के लिए, जो तेल आयात और प्रवासी श्रमिकों के अवसरों के लिए पश्चिम एशिया पर बहुत अधिक निर्भर हैं। पहले से ही बोझ से दबे कामकाजी लोग युद्ध के आर्थिक प्रभावों से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। सेमिनार के बाद फतेहाबाद में प्रदर्शन किया गया, जिसमें माकपा राज्य सचिव प्रेम चंद, राज्य सचिव मंडल सदस्य सुरेन्द्र मलिक, दिनेश सिवाच, विष्णु दत्त शर्मा, मास्टर राजेन्द्र प्रसाद बाटू, शाहनवाज एडवोकेट, संदीप महिया, छत्रपाल सिंह, देवीलाल एडवोकेट, मोहनलाल नारंग, ओमप्रकाश अनेजा सहित अनेक कार्यकर्ता शामिल थे।